Wednesday 23 May 2018

How to be safe from Nipah Virus ( in Hindi ) निपाह वायरस से बचाव के लिए क्या करें



निपाह वायरसइमेज कॉपीरइटAFP

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से कई लोगों की मौत की ख़बर है. इससे बचने के लिए राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया है.
स्थिति पर नजर रखने के लिए सरकार की तरफ से कंट्रोल रूम खोले गए हैं, जो 24 घंटे काम करेंगे. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने लोगों को निपाह वायरस से बचने के तरीकों को अपनाने की अपील की है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने इस बात की पुष्टि की है कि चार में तीन मौते बुखार की वजह से हुए हैं, जो वायरस के कारण हुए थे.
एम्स और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर बुधवार को केरल पहुंच रहे हैं. सरकार ने निजी अस्पतालों को ऐसे मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिए हैं.
केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा की ओर से डॉ. दिलीप ने बीबीसी तमिल से बात की. उन्होंने बताया कि छह में से पांच मौतों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि यह निपाह वायरस की वजह से हुए हैं.
छठे की रिपोर्ट आनी बाक़ी है. डॉ. दिलीप ने कहा, "क़रीब 25 ऐसे मरीज़ भर्ती किए गए थे, जिन्हें वायरस से पीड़ित होने की आशंका जताई जा रही थी. हमलोगों ने पाया है कि वो तीन नर्सें, जो मरीज़ों का इलाज कर रही थी, वो भी इंफेक्शन की शिकार हो गई हैं. उन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उन पर नज़र रखी जा रही है."




निपाह वायरसइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

मनिपाल यूनिवर्सिटी के इपीडेमियोलॉजी विभाग के डॉ. अरुण कुमार ने बीबीसी तमिल से बात की. उन्होंने बताया कि निपाह वायरस चमगादड़ों के लार से फैलता है, इसलिए लोगों को इससे बचना चाहिए.
डॉ. अरुण ने बताया कि निपाह वायरस से बीमार लोगों से स्वास्थ्य व्यक्ति को दूर रहना चाहिए. यह बीमार व्यक्ति के लार से फैल सकता है.
यह बहुत आसानी से जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. उन्होंने बताया कि अस्पतालों में यह इंसान से इंसानों में फैल सकता है.
अगर यह पता चलता है कि कोई निपाह वायरस से बीमार हुआ है तो उसे अस्पातल में भर्ती कराया जाना चाहिए.

निपाह वायरस क्या है?

  • यह तेज़ी से उभरता वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है.
  • वायरस को पुराने चमगादड़ ले जाते हैं, जिन्हें फ्रूट बैट भी कहा जाता है.
  • 1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह से पता चला था. वहीं से इस वायरस को ये नाम मिला. उस वक़्त इस बीमारी के वाहक सूअर बनते थे.
  • लेकिन इसके बाद जहां-जहां निपाह के बारे में पता चला, इस वायरस को लाने-ले जाने वाले कोई माध्यम नहीं थे. साल 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग इस वायरस की चपेट में आए.
  • सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन एंसेफ़्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग़ को नुक़सान होता है.




निपाह वायरसइमेज कॉपीरइटWHO/BBC

बीमारी के लक्षण क्या?

  • 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद ये वायरस तीन से 14 दिन तक तेज़ बुख़ार और सिरदर्द की वजह बन सकता है.
  • 24-48 घंटों में मरीज़ कोमा में पहुंच सकता है.
  • इंफ़ेक्शन के शुरुआती दौर में सांस लेने में समस्या होती है जबकि आधे मरीज़ों में न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी होती हैं.
  • दिमाग में सूजन होने लगता है.
  • तेज़ बुखार और सिरदर्द होता है
  • मांसपेशियों में दर्द होता है.

बचाव

  • फल न खाएं.
  • उस व्यक्ति के नजदीक न जाएं जो इस वायरस से पीड़ित हो.
  • इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें.
  • अगर आपको तेज बुखार हो तो अस्पताल जाएं.

Source:bbc

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