Sunday 3 June 2018

दक्षिण चीन सागर को लेकर संभलकर बोले अमरीका: चीन

सिंगापुर में क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन में अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के दक्षिण चीन सागर में चीनी सैन्य मौजूदगी को लेकर दिए बयान के बाद चीन और अमरीका में ज़बानी तनानती तेज़ हो गई है.
loading...
जेम्स मैटिस ने कहा था कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाकर पड़ोसी देशों को डरा रहा है.
चीन ने जेम्स मैटिस के इस बयान को ग़ैर ज़िम्मेदार क़रार दिया है.
चीन के लेफ़्टिनेंट जनरल ही ली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि चीन को पूरा हक़ है कि वो अपने इलाक़े में कहीं भी फौज और हथियार तैनात कर सकता है.
ही ली ने भी ये बयान सिंगापुर में क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन में ही दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में सेना की तैनाती चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का हिस्सा है.
लेफ़्टिनेंट जनरल ही ली ने कहा, "यहां हथियार तैनात करने का मक़सद है कि कोई और यहां क़ब्ज़ा न कर ले."
उन्होंने कहा, "जब तक ये अपना इलाक़ा है हम वहां सेना तैनात कर सकते हैं और हथियार पहुंचा सकते हैं. कोई और देश इस बारे में शोर मचाएगा तो हम इसे अपने अंदरूनी मामलों में दख़ल मानेंगे."

अमरीकी सेना की काबिलियत

वहीं अमरीका के लेफ़्टीनेंट जनरल ज्वाइंट स्टाफ़ निदेशक केनेथ मेकेंज़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमरीकी सेना के पास पश्चिमी प्रशांत महासागर में छोटे-छोटे द्वीपों को नष्ट करने का अनुभव है और ऐसा करना अमरीकी सेना की मूल क़ाबीलियत में शामिल है.


चीनी नौसेनाइमेज कॉपीरइटAFP

लेफ़्टिनेंट जनरल मेकेंज़ी से पूछा गया था कि क्या अमरीकी सेना कृत्रिम द्वीपों को नष्ट कर सकती है.
वो दूसरे विश्व युद्ध में अमरीकी सैन्य अभियानों के हवाले से बात कर रहे थे.
मेकेंज़ी ने ये भी कहा कि उनके बयान को ऐतिहासिक तथ्य दोहराने से ज़्यादा न समझा जाए.
लेकिन मेकेंज़ी के बयान से ये सवाल भी उठा है कि क्या वो चीन को धमकी दे रहे थे?
चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक संपादकीय लेख में लिखा है कि उनकी नीयत कुछ भी रही हो लेकिन मीडिया रिपोर्टों से तो यही आभास हुआ है.
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, "ज़ाहिर तौर पर अमरीका के पास ऐसी क्षमता है लकिन कई बार लोगों को ये याद दिलाना राजनीतिक उकसावा माना जा सकता है, मेकेंज़ी ने भी ये अपनी सैन्य शिक्षा के दौरान सीख ही लिया होगा."
ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है, "असल में चीन की सेना पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के पास चीन के द्वीप पर होने वाले किसी भी हमले के स्रोत को नष्ट करने की क्षमता है, जिसमें सैन्य अड्डे भी शामिल और सहायक समुद्री प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं. ये भी चीनी सेना की मूल क़ाबीलियत ही है."


बमवर्षक विमानइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES

अख़बार ने आगे लिखा, "लेकिन चीन का रक्षा मंत्रालय या जनरल कभी भी अमरीकी सेना से ज़ोर देकर ये बात नहीं कहते हैं. ज़ाहिर तौर पर चीन की सेना ज़्यादा संयमित है."
अख़बार ने सवाल उठाया, 'चीन के द्वीप को नष्ट करने का मतलब क्या है? क्या ये चीन के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा है? हमें नहीं लगता कि अमरीकी सरकार एक परमाणु संपन्न देश के ख़िलाफ़ ऐसा मूर्खतापूर्ण प्रयास करेगी लेकिन अमरीका की मौजूदा सरकार पुरानी सरकारों के मुकाबाले कुछ ज़्यादा ही डींगे हांकती है.
लेख में अमरीकी जनरलों को सलाह दी गई है कि वो अमरीकी मीडिया के प्रभाव में आकर उत्तेजक बयानबाज़ी को बढ़ावा न दे.
चीन का कहना है कि नानशा द्वीप पर निर्माण कार्य उसकी संप्रभुता में शामिल है और यहां रक्षात्मक हथियार तैनात करना पेड़ उगाने जैसा है.

प्रतीकात्मक तस्वीरइमेज कॉपीरइटGETTY IMAGES
Image captionप्रतीकात्मक तस्वीर

चीन का कहना है कि इस क्षेत्र में किसी भी देश से ज़्यादा सैन्य मौजूदगी अमरीका की है बावजूद इसके वो चीन पर क्षेत्र के सैन्यीकरण का आरोप लगाता है.
दक्षिण चीन सागर अहम समुद्री मार्ग है और इस पर छह देश अपना दावा ठोकते हैं.
चीन यहां छोटे-छोटे कृत्रिम द्वीप बना रहा है जिन पर भारी सैन्य उपकरण तैनात किए जा रहे हैं. बीते महीने ही चीन ने बताया था कि उसने अपने लंबी दूरी के बमवर्षक विमान कृत्रिम द्वीपों पर उतारे हैं.
अमरीका का कहना है कि चीन की इन गतिविधियों से क्षेत्र में अशांति और अस्थिरता फैलेगी.
- bbc

No comments:

Post a Comment

Click on the image to see what we got for U adn1

Place your ADV

Place your ADV
just for $1 / month, startup limited time offer